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क्या बाग़ में ही सड़ जायेगे आम, क्या होगा इनका .....

लकडाउन का असर इस बार उत्तर प्रदेश की 15 आम बाहुल्य इलाको में पड़ेगा, लखनऊ के मलिहाबाद के मशहूर आम क्या इस बार बागो में हे सड़ जायेगे। यहाँ पर आशंका है के लकडाउन अगर लंम्बा खींचा तो बाग़ आम की मंडियों तक नाह पहुंच पायेगा। फ़िलहाल मलिहाबाद की बागो में अभी फुनका कीट का प्रकोप छाया है। चुकि बाजार बंद है तो दवा भी नहीं मिल पा रही है, आमों की बढ़त के लिए जरुरी चीजे भी नहीं मिल पा रही है इससे उत्पादन पे अवस्य असर पड़ेगा। 
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लकडाउन के कारण इस बार आमों के बगीचों की सिचाई और दवाइयों का छिड़काव भी नहीं हो पा रहा है। कही दवाइया नहीं मिल रही है तो कही मजदूरों कई समस्या है, इसका असर आमों की फसल पर पड़ने वाला है। 
और जो फसल अभी है भी तो अगर लकडाउन लम्बा खींचा तो आम की मंडियों तक न पहुंचने से खराब हो जायेगा। 
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लकडाउन लम्बा खींचा तो  बता दे कि इस साल आमों की फसल है, पर रखरखाव और कीटनाशको का इस्तेमाल न हो पाने के कारन काफी नुकसान हो सकता है। चुकि आम अभी छोटे है तो फसल को तैयार होने में अभ पुरे  महीने बाकी है। इस साल उत्तर प्रदेश में लगभग 35 लाख मीट्रिक टन आम उत्पादन होने की उम्मीद की जारही है। अगर लकडाउन नहीं हटा तो आम बागो में ही सड़ जायेगे, और दूसरे राज्यों में यातायात न होने की वजह से आमों को स्थानीय बाजारों में मजबूरन बेचना पड़ेगा, इससे आम उत्पादक को काफी नुकसान होगा। 
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उत्तार प्रदेश करता है 23 प्रतिशत प्रोडक्शन, यूपी लखनऊ के मलिहाबाद, बाराबंकी, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, सहारनपुर, मेरठ, और बुलंदशहर सहित करीब 15 आम बाहुल्य जिले है। इस प्रकार पुरे प्रदेश से लगभग 23 प्रतिशत आम का उत्पादन होता है। लखनवी सफेदा दशहरी और चौसा आदि जैसे आमों का लखनऊ से विदेशो में निर्यात होता है पिछले साल लगभग 40 हजार मीट्रिक टन आम निर्यात किया गया था।  


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