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मोहन भागवत ने तब्लीगी जमात पर कोरोना को लेकर क्या कहा जाने!

संध के प्रमुख मोहन भागवत ने कोरोना को लेकर 26 अप्रैल 2020 रविवार को बात-चीत की। उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए, तब्लीगी जमात और कोरोना संक्रमण पर बात चीत की और कहा देश में जो कोरोना फैला वो कुछ लोगो की गलती के कारण हुआ है वो हम जानते है। इससे पुरे समुदाय को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
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मोहन भागवत- लोगो ने ये भी कहा की हमको कोरेन्टाइन में डालदेंगे, तो वे छुपने का प्रयास कर रहे है। लोगो को कुछ नियम में बांध दिया तो लोगो भी ये भावना होती है की हम पर प्रतिबन्ध लगा रहे है। अब संघ ने अपने मार्च में ही तय कर सरे कार्यक्रम बंद कर दिए। लेकिन किसी को लग रहा है की सरकार सिर्फ हमारे ही कार्यक्रम बंद करवा रही है। और भड़काने वाले लोगो की कमी नहीं है उससे क्रोध पैदा होता है, क्रोध के कारन अविवेक होता है फिर अतिवाद कृत्य होते है। 

उन्होंने कहा हम जानते है इसका लाभ लेने वाली कुछ ताकते है और वो प्रयासरत्त है जिस प्रकार कोरोना बीमारी का फैलाव अपने देश में हुआ है उसका एक कारन ये भी है। परन्तु दो बाते ध्यान में रखनी चाहिए, जैसे इन सब बातो का पालन सकारात्मक भाव से करना इसपर क्रोध न करना इससे दर नहीं मन्न में रखना वैसे अगर किसी ने भय वस् या क्रोध वस् कुछ उलटा सीधा कर दिया तो उससे सरे समूह को एक माप में लपेट कर उससे दुरी बनाना ये भी ठीक नहीं है।
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मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के पालघर में दो संतो के पिट-पीट के हुई हत्या की घटना पर दुःख जताया। उन्होंने पूछा की क्या ऐसे होना चाहिए था क्या किसी को क़ानून हाथ में लेना चाहिए था। आइये बताते है उन्होंने और क्या कहा। 

उन्होंने कहा है की ऐसा जब होता है तो पुलिस ने क्या करना चाहिए ये सारी बाते सोचने वाली बाते है। ऐसी संकट की घड़ी में अगर किसी के मन में किन्तु परन्तु रहते है रह सकते है अपेछित नहीं है स्वाभाविक है। लेकिन उनकी चपेट में न आके हम लोगो को सरे भेद की स्वार्थ की प्रोतियो को अलग रख कर उनसे बचते हुए उनको उभरने न देते हुए देश हित में सकारात्मक बन के ही आगे बढ़ना चाहिए। 
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उन्होंने ये भी कहा के एकांत में आत्म साधना और लोकांत में परोपकार यही संघ का स्वरूप है। कोरोना के समय में संध के स्वयं सेवक लोगी की मदद कर रहे है लेकिन साथ ही अपना ख्याल भी रखे कि कही वे खुद भी न बीमार पड़ जाये। और साशन, प्रशासन की अनुमति के हिसाब से ही काम करना है, संघ स्वार्थ, प्रसिद्धि या अपना डंका बजाने के लिए काम नहीं करता है 

आने वाले समय में देश की अर्थ व्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए देश में बनी चीजों का स्तमाल करना चाहिए, क्वालटी वाली चीजे देश में ही बनेगी तो दूसरे देशो से खरीदने की काम जरुरत पड़ेगी।    

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