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इरफ़ान खान की वो बाते जो आप नहीं जानते होंगे।

पनी बेहतरीन और नेचुरल एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी अपना परचम लहरा चुके इरफ़ान खान को कौन नहीं जनता। इरफ़ान खान बॉलीवुड के सबसे सीरियस एक्टर्स में से एक है, दुनिया भर के मूवी एक्सपर्ट उनकी एक्टिंग की सराहना करते रहते है।
इमेज सोर्स गूगल 
इरफ़ान खान ने अपनी प्रतिभा के दम पर 4 बार फिल्म फेयर और 1 बार नेशनल अवॉर्ड के साथ साथ और भी बहुत सरे अवार्ड अपने नाम किये है। इयर 2011 में भारत सरकार ने उन्हें पदम् श्री से नवाज़ा है।

7 जनवरी 1967 को साहबज़ादे इरफ़ान अली खान का जन्म राजस्थान के टोंग जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम जागीरदार खान था जो की टायर का बिज़नेस करते थे उनकी माता का नाम बेगम खान था। इरफ़ान शुरुआत से ही काफी प्रतिभावान थे और एक्टिंग के भी शौकीन थे। जिसकी वजह से 1984 में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की पढाई करते हुए उन्हें नेशनल ऑफ़ ड्रामा में स्कॉलरशिप मिली। और इस तरह से उन्होंने अपनी एक्टिंग के टैलेंट को और भी निखारा साथ ही साथ उन्होंने बहुत सारे थिएटर शोज भी किया।

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एक्टिंग में अपना करियर आजमाने के लिए वे पहुंच आए सपनो के शहर मुंबई में। और इसके बाद उन्होंने बहुत सारे ऑडिसन दिए, लेकिन उसके बाअद भी उन्हें काफी दिनों तक काम नहीं मिल रहा था। हलाकि अपनी तरफ से वे पूरी मेहनत करते रहे लेकिन कुछ हद तक उन्हें सफलता तब मिली जब टीवी शोज में उन्हें कुछ काम मिलने लगे।

अपने शुरुआती समय में उन्होंने चाणक्य, भारत एक खोज, सारा जहा हमारा,  बनेगी अपनी बात, चंद्रकांता, आदि में काम किया। उसके बाद उन्होंने एक्टर केके मेनन के साथ स्टार प्लस के फेमस शो डर में भी काम किया था। इरफ़ान खान भले ही अपने टीवी शोज जरिये जलवे बिखेर रहे थे लेकिन उनकी मंजिल तो बड़े परदे पर छाप छोड़ने की थी।
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आखिरकार वो समय आ ही गया जिसका उनको लंम्बे समय से इंतजार था। 1988 की फिल्म सलाम बॉम्बे में उनको एक छोटा सा रोल मिला, लेकिन दर्भाग्य से फाइनल कट में उनका रोल ही काट दिया गया। इसके बाद इरफ़ान खान को और भी ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ा, काफी प्रयासों के बाद भी परदे पर काम नहीं मिला। हलाकि थिएटर्स में काम कर के वह अपना गुजरा करते रहे।

सन 1990  में आई फिल्म एक डॉक्टर की मौत में उन्हें एक छोटा सा रोल मिला, साथ ही साथ उन्होंने सच आ लॉन्ग जर्नी नामक फिल्म में काम किया। इसके अलावा उनको और भी कई मूवी में देखा जा सकता है जैसे, पिता, द गोल, द आउट डोर, पुरुष आदि लेकिन इन सब मूवीज में लोगो ने उनको ज्यादा नोटिस नहीं किया।
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संन 2001 में में आखिर उनके अच्छे समय की शुरुआत हुई, जब उन्होंने ड वोरियर नामक मूवी में काम किया। इस मूवी को 2001 के फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया, इस मूवी से इरफ़ान खान को काफी सराहना मिली। और वे लोगो की नजर में जाने मने चेहरे बनने लगे, 2003 में उन्होंने सेक्सपियर की नॉवेल मैक बेथ पर आधारित मक़बूल में काम किया। हालांकि ये फिल्म बहुत बड़ी हिट तो नहीं साबित हुई लेकिन इरफ़ान की प्रतिभा का नमूना सभी ने देखा।

सन 2004 में इरफ़ान खान को हांसिल फिल्म में  की गई दमदार एक्टिंग की वजह से अपना पहला फिल्म फेयर अवार्ड मिला। और फिर आखिर कार 2005 की फिल्म रोग के जरिये उन्हें अपने पहले लीड रोल में देखा गया, इस फिल्म के बाद उनका करिअर उचाईयो की तरफ बढ़ने लगा। 2007 में उनके करियर में एक अचीवमेंट और जुड़ गया जब उनको मैट्रो फिल्म के लिए उनका दूसरा फिल्म फेयर अवार्ड और बेस्ट सपोटिंग एक्टर मिला।
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हॉलीवुड- सन 2007 ही इन्होने दो हॉलीवुड फिल्म ए माइटी हार्ट और द दार्जलिंग लिमिटेड में भी नज़र आये। बॉलीवुड का हीरो अब हॉलीवुड पहुंच चूका था, 2008 में आई स्लम डॉग मिलेनियर में पुलिस वाले किरदार में भी काफी पसंद किये गए।

इसके बाद तो फिल्मो की लाइन लग गई, एसिड फैटरी, न्यूयॉर्क, पान सिंह तोमर, सात खून माफ़, द अमेजिंग स्पिडरमैन, जुरासिक वर्ल्ड, लाइफ ऑफ़ पाई, हैदर, पीकू, हिंदी मीडियम, आदि फिल्मो में नज़र आते रहे। इनमे से पान सिंह तोमर, सात खून माफ़, और लाइफ ऑफ़ पाई उनके जीवन के सब से बड़ी फिल्मो में शामिल थी।
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पान सिंह तोमर में किये गए उनके शानदार अभिनय के लिए उन्हें नेशनल फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला। हालिया मूवीज की बात की जाये तो 2017 में हिंदी मीडियम, और करीब करीब सिंगल मूवीज में देखे गए।
उनकी फिल्म हिंदी मीडियम ने तो 100 करोड़ का जादुई अकड़े को भी पार कर दिया। और इस फिल्म के लिए भी उन्हें फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला।

इरफ़ान खान की पर्सनल लाइफ की बात करे तो सन 1995 में सुतापा सिकदर के साथ शादी के बंधन में बांध गए। और उनसे उनको दो बच्चे भी हुए जिनका नाम बाबिल और अयान है।

दोस्तों पर इरफ़ान खान अब हमारे बीच नहीं रहे 29 अप्रैल 2020 को उनका निधन हो गया। उन्होंने ने 53 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया, दरसल इरफ़ान खान को 2018 नूरोइंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था जिसकी वजह से वह लगातार मिंबर चल रहे थे। हालांकि इरफ़ान खान अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन वह हमेशा हमारे दिलो पर राज करेंगे।   (आमिर लियाक़त ने इरफ़ान खान की मौत का मज़ाक बनाया, अब मांग रहे है माफ़ी)

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